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  • Writer's pictureSushil Rawal

आखिर हार्मोन शरीर में क्या काम है?आखिर किसे कहते हैं हार्मोन?

इंसानी शरीर एक तरह की मशीन ही हैं, क्योंकि इसके अंदर कई तरह की अलग-अलग गतिविधियां एक साथ होती रहती हैं।इस शरीर को समझने के लिए वैज्ञानिक कई सारे प्रयोगों को आए दिन अंजाम देते रहते हैं। परंतु आज भी वैज्ञानिक इसे पूरी तरीके से समझने में असमर्थ रहें हैं। खैर जीव विज्ञान के दृष्टि कोण से देखें तो हमारे शरीर के अंदर कई सारे ऐसे पदार्थ मौजूद हैं जो हमारी इस जटिल बायोलोजिकल मशीन को चलाने में मदद करते हैं। वैसे इन पदार्थों में से एक खास पदार्थ का नाम हैं हार्मोन । हार्मोन ही वही पदार्थ हैं जो की इंसानी शरीर के अंदर होने वाले ज़्यादातर परिवर्तनों के लिए जिम्मेदार हैं।

अकसर लोगों को आपने हार्मोन का नाम लेते हुए सुना होगा, परंतु क्या आपको वाकई में इसके बारे में कुछ भी जानकारी हैं। जैसे की ये शरीर में कैसे काम करता हैं या ये आखिर क्या चीज़ हैं? शायद आपको इसके नाम के अलावा ज्यादा कुछ मालूम ही नहीं होगा; परंतु दोस्तों बिलकुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज के इस लेख में हम इसी हार्मोन के बारे में जानेंगे और देखेंगे की ये हमारे शरीर के ऊपर कैसा प्रभाव डालता हैं।

तो, आज के इस खास लेख के लिए तैयार हो जाइए और आराम से पूरे लेख को पढ़िएगा। क्योंकि हार्मोन से जुड़ी तथ्यों पर आधारित ये खास यात्रा शुरू होने वाला है।

आखिर ये हार्मोन क्या हैं?

वैसे तो हार्मोन के बहुत प्रकार होते हैं, परंतु हम आज उनके बारे में ज्यादा बात नहीं करेंगे। क्योंकि वो एक दूसरा विषय जिसके बारे में मेँ आपको आने वाले समय में जरूर ही बताऊंगा। खैर हार्मोन के वैसे तो कई सारे काम होते हैं, परंतु इन सब के बारे में भी हम थोड़ी देर बाद बात करेंगे।

ज़्यादातर बहू-कोशिय जीवों के अंदर हार्मोन को पाया जाता हैं और ये शरीर में हो रहें फिजियोलॉजिकल एक्टिविटी (Physiological Activity) को नियंत्रित करता है। आम तौर पर हार्मोन Eicosanoids, Steroids और Amino Acid से बने हुए होते हैं। इसके अलावा शरीर के अंदर हार्मोन टिसु और अंगों के बीच एक संदेशवाहक की तरह काम करता हैं। इसके बिना शरीर में हो रहें कोई भी परिवर्तन संभव नहीं है।

खैर दुनिया के पहले हार्मोन को ब्रिटिश बायोलोजिस्ट William Bayliss और Ernest Starling ने साल 1902 में ढूंढा था। वैसे ये हार्मोन उन्हें इंसानी पाचन तंत्र में मिला था। वैसे इस हार्मोन का नाम “सीक्रेटीन” (Secretin) था जो की इंसान के छोटी आंत से निकलता है। खैर अधिक जानकारी के लिए बता दूँ की, ये हार्मोन इंसानी छोटी आंत के सबसे पहले हिस्से से यानी “Duodenum” से निकलता है।

इंसानी शरीर में ज़्यादातर हार्मोन कहाँ से स्रावित होते हैं? दोस्तों हमेशा गौर करेंगे की, इंसानी शरीर में हार्मोन अंतः स्रावी ग्रंथि से ही स्रावित होता है। वैसे बता दूँ की, इन ग्रंथियों में कोई डक्ट नहीं होता हैं इसलिए इन ग्रंथियों के द्वारा स्रावित हार्मोन सीधे तरीके से खून में चला आता है। इसलिए ये ग्रंथियां बाकी ग्रंथियों से ज्यादा असरदार होती है।

हमारे शरीर के अंदर कई सारे अंतः स्रावी ग्रंथियां मौजूद हैं, परंतु हम यहाँ पर कुछ उनमें से कुछ खास ग्रंथियों को देखते हैं। Pitutitary Gland, Pineal Gland, Thymus, Thyroid, Adrenal Glands, Pancreas, Testes, Ovaries आदि ऐसे अंतः स्रावी ग्रंथियां हैं जिनसे इंसानी शरीर के ज़्यादातर प्रमुख हार्मोन स्रावित होते हैं।

मित्रों! हार्मोन से जुड़ी खास बात एक ये भी हैं की, ये रसायन हमारे शरीर के अंदर बहुत ही कम मात्रा में स्रावित होते हैं; परंतु शरीर के ऊपर इनका असर काफी ज्यादा प्रभावशाली होता है। बहुत ही छोटे मात्रा में स्रावित ये हार्मोन पल भर के अंदर शरीर में कई सारे बदलाव ला सकते हैं। इससे एक बहुत बड़ी समस्या ये भी आती हैं की, अगर जरूरत से ज्यादा या कम हार्मोन स्रावित हो जाए और वो भी बहुत ही कम मात्रा में तो शरीर के अंदर कई सारे रोग देखने को मिल सकते हैं।

शरीर में हार्मोन कैसे नियंत्रित होता हैं! :- अकसर शरीर में हार्मोन को “Homeostatic Negative Feedback” सिस्टम नियंत्रित करता है। वैसे ये सिस्टम हार्मोन के मेटाबोलिस्म और सीक्रेशन के ऊपर निर्भर रहता है। वैसे खास बात ये भी हैं की, ये सिस्टम केवल और केवल तभी काम करता हैं जब शरीर के अंदर जरूरत से ज्यादा हार्मोन बनने लगता हैं। ये सिस्टम तब काम नहीं करेगा जब शरीर में हार्मोन की कमी होगी।

वैसे हार्मोन के स्रावित होने के लिए कई सारे कारकों की जरूरत पड़ती है; जैसे की कोई दूसरा हार्मोन, खून में मौजूद खनिजों की मात्रा, न्यूरन या मानसिक स्थिति और परिवेश में आने वाले बदलाव। यहाँ पर अगर आप इसे और बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं तो, एक उदाहरण को ही ले लेते हैं।

Thyroid Stimulating Hormone (TSH) दूसरे अंतः स्रावी ग्रंथियों के बढ्ने की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होते हैं जो की थाईरोइड हार्मोन के मात्रा में बढ्ने से होता है। वैसे शरीर के अंदर काफी तेजी से हार्मोन को किसी भी क्षण में स्रावित करने के लिए हमारा शरीर पहले से ही हार्मोन के लिए जरूरी उपादानों को संगृहीत करके रखती हैं। ये उपादान हार्मोन के बनने के लिए अनिवार्य होते हैं और जरूरत पड़ने पर यही हार्मोन में तब्दील हो जाते हैं।

खैर और एक खास बात ये भी हैं की, हार्मोन जो है वो सिग्नल और रिसेप्टर के आधार पर काम करता है। इसलिए इसके काम करने का ढंग काफी तेज होने के साथ-साथ सटीक भी होता हैं।

आपको क्या लगता हैं? शरीर के अंदर हार्मोन किस तरीके से काम करता होगा! कमेंट कर के जरूर ही बताइएगा। वैसे चलिये अब आगे हार्मोन के कुछ कामों को भी देख लेते हैं, जिससे पता तो चले की आखिर ये हमारे लिए इतना जरूरी क्यों है!

हार्मोन शरीर के लिए आखिर क्यों जरूरी है और इसके क्या-क्या काम हैं? :-

चलिये लेख के इस भाग में हम शरीर में हार्मोन के कुछ प्रभावों और कामों को जान लेते हैं।

1.हार्मोन शरीर के विकास और बुद्धि में मदद करता हैं। बिना ग्रोथ हार्मोन के आपका शरीर कभी बढ़ नहीं सकता है। 2.हार्मोन के कारण ही शरीर का “Sleep-Wake Cycle” या “Circadian” रिदम बना रहता हैं। इसलिए हार्मोन की उचित मात्रा में थोड़ी सी भी उंच-नीच आपके शरीर को काफी भारी पड़ सकता है तथा आपको सोने में भी दिक्कत हो सकती है। 3.मानसिक स्थितियों में परिवर्तन भी हार्मोन के कारण ही होता है। कहा जाता हैं की, पुरुषों के मुक़ाबले महिलायों के अंदर ज्यादा हार्मोन की गतिविधियां होती हैं इसलिए उनमें काफी ज्यादा Mood Swing भी पाया जाता हैं 4.कोशिकायों का विभाजन भी हार्मोन के जरिये नियंत्रित होता है। 5.हमारे प्रतिरक्षा तंत्र की सक्रियता भी हार्मोन के ऊपर निर्भर करता है। हार्मोन के बिना शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र सही से काम नहीं कर सकता है। 6.हार्मोन शरीर के मेटाबोलिस्म को भी नियंत्रित करता है। अगर हार्मोन न हो तो खाना खाना, पानी पीना और सांस लेना भी मुश्किल हो जाता। 7.शरीर को प्रजनन करने लयाक बनाना भी हार्मोन का एक काम है। इसके अलावा आपात कालीन स्थिति में शरीर को लढने के लिए साहस हार्मोन ही देता है। 8.हार्मोन के जरिये ही महिलायों का मासिक धर्म नियंत्रित होता है। तो, आप समझ ही सकते हैं की हार्मोन हमारे लिए कितना जरूरी है। मित्रों! एक हैरान कर देने वाली बात ये भी हैं की हार्मोन के जरिये ही हमें भूख का एहसास होता है।

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